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Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein.
कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है?
भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.
- 174 - Pablo का Pakistan कनेक्शन, Drugs बेचता Afghanistan और Jihad का धंधा: पढ़ाकू नितिन, Ep 174
हमारे पढ़ाकू नितिन का स्टूडियो छोड़कर बाहर शूट करने का मौका कम ही आता है, लेकिन आज का दिन खास है, और मेहमान उससे भी खास. हमारे साथ हैं इकबाल चंद मल्होत्रा, जो पहले भी दो बार हमारे शो में आ चुके हैं और जिनकी किताबें हमेशा हमारी रुचि का केंद्र रही हैं. उनकी नई किताब, .The Nukes, the Jihad, the Hawalas, and Crystal Meth: A Tale of Treachery., जल्द ही रिलीज़ होने वाली है. इस किताब में पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, तालिबान, अमेरिका, रूस, ड्रग्स कार्टेल और परमाणु बम जैसे गहन मुद्दों का विवरण है. पिछले एपिसोड में हम पाकिस्तान के परमाणु बम पर रुके थे.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 14 Nov 2024 - 173 - Everest पर किसने बचाई जान, Salman Khan ने क्या सिखाया और कैसे बन गया World Record?: पढ़ाकू नितिन, Ep 173
हम अक्सर फिल्मों और किताबों में पढ़ते हैं कि किसी ने सात समुंदर पार किया या पहाड़ लांघा, पर असल में इन चुनौतियों का एहसास तभी होता है जब हम खुद उनका सामना करें. मध्य प्रदेश के सीहोर की मेघा परमार ने इसको सच कर दिखाया है—वह राज्य की पहली महिला हैं जिन्होंने 22 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की. गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाली मेघा MP की कई योजनाओं की ब्रांड एंबेसडर भी रही हैं. आज हमारे साथ हैं और हम जानेंगे कि ऑक्सीजन खत्म होने पर उन्होंने एवरेस्ट पर अपनी जान कैसे बचाई और क्यों वह बार-बार अपनी जान जोखिम में डालती हैं, सुनिए ‘पढ़ाकू नितिन’ में.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 07 Nov 2024 - 172 - Hamas Israel War के चश्मदीद ने खोल दिया Air Force का पूरा प्लान!: पढ़ाकू नितिन, Ep 172
हाल के दिनों में हमने पढ़ाकू नितिन में इज़राइल-हमास युद्ध पर चर्चा की, जिसे आप सभी ने सराहा और अपनी कुछ नाराज़गी भी जाहिर की. आज एक बार फिर इसी मुद्दे पर बात कर रहे हैं. युद्ध की समाप्ति के कोई साफ संकेत नहीं हैं; अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति की बात हो रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
हमारे साथ हैं इंडिया टुडे टीवी के वार कॉरेस्पोंडेंट गौरव सावंत, जो हाल ही में इज़राइल से लौटे हैं. गौरव हाइफ़ा, तेल अवीव, और लेबनान की सीमा तक गए, वहाँ 15 दिन बिताए और ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्टिंग की. 7 अक्टूबर के हमले के अगले ही दिन, वे भारत के पहले पत्रकार थे जो वहाँ पहुंचे. आइए, उनसे जानें कि क्या वजह है जो इज़राइल अब तक युद्ध जारी रखे हुए है, और उन्होंने कैसे अपनी जान जोखिम में डाल कर रिपोर्टिंग की
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 31 Oct 2024 - 171 - नाटो के डर से हटे नेहरू और लता मंगेशकर ने दिए पैसे.. ऐसे आज़ाद हुआ था ये प्रदेश: पढ़ाकू नितिन, Ep 171
15 अगस्त 1947 को देश आज़ाद हुआ, लेकिन कुछ हिस्सों की आज़ादी की तारीख अलग है. हैदराबाद 17 सितंबर 1948 को भारत का हिस्सा बना, गोवा 19 दिसंबर 1961 को आज़ाद हुआ और दादरा नागर हवेली 2 अगस्त 1954 को पुर्तगालियों से मुक्त हुआ. हमें भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में तो पता है, लेकिन दादरा नागर हवेली के स्वतंत्रता सेनानियों ने कैसे संघर्ष किया, आज़ादी पाई और लगभग एक दशक बाद भारत का हिस्सा बने, यह कम लोग जानते हैं. इसकी कहानी बताई गई है किताब "Uprising: The Liberation of Dadra and Nagar Haveli" में, जिसे वेस्टलैंड नॉन-फिक्शन ने प्रकाशित किया है. इसके लेखक निलेश कुलकर्णी हैं, जो मैनेजमेंट के शिक्षक, पब्लिक स्पीकर, और कवि भी हैं. निलेश से हमने पूछा कि पुर्तगालियों के पास यह भारतीय हिस्सा कैसे पहुंचा, आज़ादी के बाद नेहरू ने इस राज्य की आज़ादी में क्यों दिलचस्पी नहीं दिखाई, लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी का इस आज़ादी की लड़ाई से क्या रिश्ता है, और इसके लिबरेशन में RSS की क्या भूमिका रही.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 24 Oct 2024 - 170 - TVF में काम करने की चाहत, Dost से प्यार करने के पंगे और Harshita के Move On Tips: पढ़ाकू नितिन, Ep 170
इस एपिसोड में हम दिल टूटने और उससे उबरने की बात करेंगे. हमारे साथ हैं हर्षिता गुप्ता, जो सोशल मीडिया पर काफी फ़ेमस हैं. आपने उन्हें इंस्टाग्राम पर देखा होगा और उनके रिल्स शेयर भी किए होंगे. आज वो आपको कुछ खास टिप्स देंगी जिससे आप ब्रेकअप के दर्द से जल्दी उबर सकें. 'पढ़ाकू नितिन' में हमने उनसे पूछा कि दोस्ती और प्यार का घालमेल को कैसे संभालें, एक्स से टच में रहने के नुकसान क्या हैं और ब्रेकअप के बाद कब थैरेपिस्ट की मदद लेनी चाहिए, अंत तक पूरी बताचीत ज़रूर सुनिएगा.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 17 Oct 2024 - 169 - Iran जंग से पहले कैसे Israel को थका रहा है और India क्यों कभी Stand नहीं लेता?: पढ़ाकू नितिन, Ep 169
7 अक्टूबर 2023 को हमास के अप्रत्याशित हमले के बाद, इजरायल और मध्य पूर्व में महायुद्ध की शुरुआत हो गई है, जिसमें अब तक 42,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. गाजा से शुरू हुई ये जंग अब लेबनान और ईरान तक फैल चुकी है. अमेरिका के लिए इजरायल एक मुश्किल मामला बन गया है और भारत के लिए भी यह सवाल खड़ा है कि वह किसका समर्थन करे. इस संकट पर चर्चा करने के लिए, पढ़ाकू नितिन में हमने वरिष्ठ पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रकाश के रे को बुलाया है. उनसे जानेंगे कि इजरायल का अगला कदम क्या होगा और बदलते हालात में भारत की विदेश नीति कैसी होनी चाहिए.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 10 Oct 2024 - 168 - इजरायल-ईरान जंग में भारत किसके साथ, अमेरिका की मजबूरी और सुन्नी इससे अलग क्यों हैं?: पढ़ाकू नितिन, Ep 168
पिछले एक साल से इज़रायल, फिलिस्तीन, लेबनान, यमन और ईरान लगातार सुर्खियों में हैं. इज़रायल के हमलों और ईरान की मिसाइलों से तनाव और बढ़ गया है. हिज़बुल्लाह के नेता मारे जा चुके हैं, और अक्टूबर से शुरू हुई ये लड़ाई अब भी जारी है. 'पढ़ाकू नितिन' में हमने पूर्व भारतीय राजनयिक राजीव सीकरी से इस संघर्ष के जड़, इज़रायल और ईरान की रणनीति, और भारत की भूमिका पर बात की है.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 03 Oct 2024 - 167 - मोटिवेशन के लिए क्या सुनें, वर्क स्ट्रेस कैसे जाएगा और शिव खेड़ा किससे खफ़ा हैं?: पढ़ाकू नितिन, Ep 167
'मोटिवेशनल स्पीकर' क्या बला है - भारत में जब कोई जानता भी नहीं था, तब भी लोग एक नाम जानते थे — शिव खेड़ा. उनकी लिखी किताब You Can Win (जीत आपकी) भी ख़ूब पॉपुलर हुई. इस बार शिव खेड़ा ‘पढ़ाकू नितिन’ में बतौर मेहमान आए, तो उन्होंने अपनी बातों से एक बार फिर प्रेरित किया. उन्होंने अपनी ज़िंदगी के बारे में बताया, वर्क स्ट्रेस कम करने के तरीके बताए और यह भी साझा किया कि वे कब रिटायर होंगे. इस एपिसोड में हमने शिव खेड़ा से पूछा कि अमेरिका में सब कुछ होने के बावजूद वे भारत लौटकर क्यों आए, मौजूदा मोटिवेशनल स्पीकर्स पर उनकी क्या राय है, और उन्हें ‘झारखंड का बेटा’ कहलाना क्यों पसंद नहीं है. मोटिवेशनल किस्सों से भरपूर इस पूरी बातचीत को अंत तक ज़रूर सुनें.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 26 Sep 2024 - 166 - पाकिस्तान के सबसे सीक्रेट अड्डे पर कैसे पहुंचीं Indian Diplomat और पीछे लगे एजेंट को कैसे सिखाया सबक?: Padhaku Nitin, Ep 166
पाकिस्तान के वजूद में आने से लेकर अब तक उसकी पॉलिटिक्स हेप्पेनिंग बनी हुई है. हमारे पड़ोस में हमेशा कुछ न कुछ होता रहता है. मगर इसका उरूज लेट नाइंटीज़ में था. भारत के प्रधानमंत्री बस से पाकिस्तान गए थे. जिस नवाज़ शरीफ़ ने उन्हें रिसीव किया था, उसकी सरकार गिरा दी गई और बाद के सालों में दोनों देशों के बीच कारिगल युद्ध भी हुआ. जब ये सब हो रहा था तब उसकी एक गवाह थीं रुचि घनश्याम, इन घटनाओं और अपने अनुभवों को मिलाकर उन्होंने एक किताब लिखी, An Indian Woman In Islamabad. 'पढ़ाकू नितिन' में रुचि से हमने पूछा कि कैसे वो इक रोज़ आधी रात वहां पहुंच गईं जहां पाकिस्तान न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा था. जो एजेंट्स उनका दिन रात पीछा किया करते थे वो कैसे आमने-सामने आ गए और क्यों रुचि के एक साथी को लाठी मार कर अधमरा कर दिया. तथ्यों और किस्सों से भरपूर इस एपिसोड को अंत तक सुनिएगा, कमाल की जानकारियां मिलेंगी.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैंThu, 19 Sep 2024 - 165 - बिरयानी क्यों है सर्वगुण संपन्न, नमक कौन सा सही और वीगन के नाम पर क्या मज़ाक चल रहा है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 165
खाना दुनिया के उन गिने-चुने कामों में से है जो ज़रूरत भी है और शौक़ भी, और अगर पूरी शिद्दत से दिल लगाकर किया जाए, तो यह पेशा भी बन सकता है और पहचान भी। कुछ लोग होते हैं जो क्या खाना है, इसके बारे में बहुत सोचते हैं, और कुछ ऐसे भी होते हैं जो बिना सोचे-समझे जो मिल जाए, खा लेते हैं। खाने के साथ प्यार भी जुड़ा होता है, इसका अपना 'लव लैंग्वेज' होता है। खाने के साथ मॉरैलिटी भी जोड़ी जाती है, और इसमें भूगोल भी एक बड़ा खिलाड़ी होता है। अब तो इसमें विज्ञान भी जुड़ गया है, और इस पर खूब काम किया है कृष अशोक ने। आज वे हमारे मेहमान हैं। इन्होंने खाने पर एक किताब लिखी है, जो रेसिपीज़ और इतिहास पर नहीं, बल्कि इसके विज्ञान पर आधारित है। कृष अशोक ने खाने से जुड़े कई मिथक तोड़े हैं, और शाकाहारी और मांसाहारी खाने की बहस को भी समाप्त कर दिया है। हमने उनसे पूछा कि भारत के लोग मसालेदार खाना क्यों पसंद करते हैं, किस तरह का नमक खाना के लिए सही है, और खाने के मामले में किसकी सुननी चाहिए। अंत तक इस लज़ीज़ पॉडकास्ट को सुनिए, इसका 'आफ़्टरटेस्ट' भी बहुत अच्छा है
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैंThu, 12 Sep 2024 - 164 - 10 सालों तक बाग-बाग जा कर आम खाने के बाद लिखी गई किताब: पढ़ाकू नितिन, Ep 164
आम की हर बात ख़ास होती है. आम सिर्फ़ एक फल नहीं, फलों का राजा होता है, आम इमोशन होता है, आम से रिश्ते बनते हैं, इनफ़ैक्ट सबसे अच्छा मौसम ही वो है जिसमें पेड़ों पर आम लगते हैं और हां! कोई आम ख़राब नहीं होता. आम के पेड़ों के इर्द-गिर्द समाज फलता है. बहसें होती हैं, झगड़ें होते हैं.आम रिश्वत भी है तो आम व्यवहार बनाने का ज़रिया भी है. आम को कोई मना नहीं करता और उस्तादों ने कहा है कि आम को सिर्फ़ गदहे ही नहीं खाते. आम की खुशबू ने कई गांवों की महक दुनिया तक पहुंचाई है और उसे ही एक पॉडकास्टनुमा शीशी में कैद कर आज हम आपके सामने हाज़िर हुए हैं, हमने बात कि लेखक सोपान जोशी से जिन्होंने एक पूरी फिर भी अधूरी किताब Mangifera Indica: A Biography of the Mango लिखी है, अधूरी इसलिए क्योंकि दुनिया में हज़ारों किस्म के आम हैं, बावजूद इसके हमने बहुत कुछ समेटने की कोशिश की है और उनसे पूछा है कि आखिर लोग आम को इतना पसंद क्यों करते हैं, बारिश के पहले या बाद में आम खाना चाहिए, इसके नाम कैसे पड़ते हैं, दक्षिण भारत के आम उत्तर के आमों से अलग कैसे हैं, सॉफ़्टड्रिंक्स किस आम से बनाए जाते हैं और मुगल और अंग्रोज़ों ने आमों के साथ क्या किया,अंत तक सुनिए, इस रसदार पॉडकास्ट में आमों पर हुई बेमौसम मगर मज़ेदार बातचीत को अंत तक सुनिएगा, मज़ा आएगा.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैंThu, 05 Sep 2024 - 163 - बुक कवर के लिए मानव कौल ने कपड़े उतारे तो मां क्या बोलीं?: पढ़ाकू नितिन, Ep 163
पहचान. एक ऐसी चीज़ जिसके लिए दुनियाभर के लोग मेहनत करते हैं. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सिर्फ एक पहचान बनाने में पूरी ज़िंदगी बिता देते हैं और कुछ ऐसे लोग होते हैं जो एक ही ज़िंदगी में अपनी कई कई पहचान बना लेते हैं. इसी प्रजाति से ताल्लुक रखते हैं इस एपिसोड के मेहमान मानव कौल. जिनकी कई पहचान हैं, कभी नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज़ फेम गेम में माधुरी दीक्षित से इश्क लड़ाते नज़र आते हैं. कभी रंगमंच पर कला की गोद में पड़े लेखक के तौर पर दिखते हैं. जिसने थियेटर प्रेमियों को ये अधिकार दिया कि ‘जाओ आज से मेरा सब लिखा तुम्हारा!’. वो शख्स जो घूमने के दौरान जिए को कागज़ के सहारे लोगों को उतारता है. मगर ये भी मानव कौल की पूरी पहचान नहीं है . तो आखिर क्या है मानव कौल का पूरा परिचय?सुनिए पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में.
Thu, 29 Aug 2024 - 162 - भारत के दो शापित शहर, गुफ़ा में रहने वाली माई और गंगा-नर्मदा से रिश्ता: पढ़ाकू नितिन, Ep 162
अब यह एक स्थापित तथ्य है कि जिसने भी यात्राएं की हैं, वह वैसा नहीं रहा जैसा पहले था. जब कोई सफ़र पर निकलता है, तब वह मीलों अपने भीतर भी चलता है. रास्ते में लोग मिलते हैं, उनकी कहानियां मिलती हैं, और उनकी कहानियों से ज़िंदगी का सच पता चलता है और ऐसे ही एक सच की तलाश में निकले थे रौनक साहनी, फ़ेमस YouTuber, जो मंकी मैजिक के नाम से मशहूर हैं. रौनक को नदियों से बहुत प्यार है. उन्होंने पहले नर्मदा यात्रा की और फिर गंगा यात्रा पर निकले. नर्मदा ने उन्हें मन की शांति दी, और गंगा यात्रा से निकली एक किताब—Melodies Of India. सुंदर और शानदार तस्वीरों और तजुर्बों से भरपूर यह किताब भारत के रंगों से रूबरू कराती है. इसके लेखक रौनक साहनी हैं और वे हमारे आज के मेहमान हैं। पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में, बात उन 11 तस्वीरों की होगी, जिनकी चाहत में रौनक ने अपनी जमी-जमाई कंपनी बंद कर ट्रैवलिंग शुरू कर दी।
Thu, 22 Aug 2024 - 161 - 1984 के सिख दंगों की वो कहानियां जो बस इसी किताब में मिलेंगी: पढ़ाकू नितिन, Ep 161
1984.. एक ऐसा साल जिसे ना कभी इंडियन पॉलिटिक्स भूली.. ना भूला इंडिया, ना कभी पंजाब. इस साल दिल्ली, कानपुर, फिरोज़ाबाद, अमृतसर में सिखों का जो खून बहा उसकी कहानी इन 40 सालों में कई बार कही गई.. मगर फिर भी जिनकी कहानी रह गई वो हैं सिख महिलाएं. कितनी ही ऐसी औरतें थीं जिन्होंने अपनों को हत्यारों के हाथों मरते देखा. खुद पर बलात्कार सहे. जान बचने के बाद ताने सुने... मगर फिर भी वो इंसाफ के लिए लड़ती रहीं.. इन कहानियों को पहली बार सामने लाए हैं एडवोकेट सनम सुतीरथ वज़ीर,उनकी किताब है The Kaurs of 1984. इस किताब को लिखने के लिए सनम दंगापीड़ितों के घर गए. उनसे मिले. उनकी कहानियां कई सालों तक सुनी जिसे सनम से 'पढ़ाकू नितिन' में पूछेंगे...
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैंThu, 15 Aug 2024 - 160 - शेख हसीना- ख़ालिदा ज़िया में फंसा भारत और खेल के पीछे खिलाड़ी कौन?: पढ़ाकू नितिन, Ep 160
आपको ध्यान होगा कि पिछले साल सितंबर के महीने में भारत में G20 समिट का आयोजन हुआ. दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष आए थे. भारत पहुंचने वाली सबसे पहली राष्ट्राध्यक्ष थीं शेख़ हसीना. भारत ने उन्हें मेहमान की हैसियत से बुलाया था. उस समिट में एक फ़ोटो वायरल हुआ जिसमें तब के ब्रिटिश प्रधानमंत्री शेख हसीना के सामने घुटनों के बल बैठ कर बात कर रहे थे. एक वो वक्त था और एक आज का वक्त है, ब्रिटेन हसीना को शरण देने से कन्नी काट रहा है. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री फिलहाल दिल्ली में हैं और पड़ोसी देश में हर घंटे राजनीतिक हालात बदल रहे हैं. पढ़ाकू नितिन में इस बार बात बांग्लादेश के मौजूदा हालात और भविष्य की, सत्ता के दावेदारों की और साथ ही इतिहास की कुछ अहम घटनाओं की भी. हमारे मेहमान हैं, सीनियर जर्नलिस्ट और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रकाश के रे.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैंThu, 08 Aug 2024 - 159 - फोटोग्राफर जिसके मुरीद थे इंदिरा, दलाई लामा, ज़िया उल हक़!: पढ़ाकू नितिन, Ep 159
पढ़ाकू नितिन में इस बार मेहमान हैं मशहूर फोटोग्राफर पद्मश्री रघु राय. रघु राय को 'फादर ऑफ इंडियन फोटोग्राफी' भी माना जाता है. इनकी खींची कई तस्वीरों को दुनियाभर में पहचान मिली है. भोपाल गैस ट्रेजडी के बाद की फोटो हों या संजय गांधी के प्लेन क्रैश की फोटो. जरनैल सिंह भिंडरावाले की स्वर्ण मंदिर वाली फोटो भी रघु राय ने ही खींची थी. रघु राय ने पॉडकास्ट में अपने करियर से लेकर निजी जीवन पर खूब रस लेकर बातें कीं। उन्होंने फोटोग्राफी करियर के कई किस्से सुनाए. दलाई लामा, मदर टेरेसा, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, बाला साहब ठाकरे की उन तस्वीरों पर भी बात हुई जो आज दुनियाभर में फेमस हैं. सुनिए ये दिलचस्प पॉडकास्ट.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैंThu, 01 Aug 2024 - 158 - कोहली-कुंबले की इनसाइड स्टोरी, ओलंपिक में क्रिकेट की एंट्री और जय शाह का रिपोर्ट कार्ड!: पढ़ाकू नितिन, Ep 158
इस बार पढ़ाकू नितिन में हमारी मेहमान हैं वो स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट जिन्होंने भारत को नौ देशों में क्रिकेट खेलते हुए देखा है, दो ओलंपिक खेलों में रिपोर्टिंग की है. उन्होंने युवराज सिंह के साथ उनकी जीवनी टेस्ट ऑफ माई लाइफ पर भी काम किया है. इसके अलावा तमाम दूसरे खेलों के बारे में भी तीन दशकों तक अंतरराष्ट्रीय- राष्ट्रीय मीडिया में लिखा. बैंगलोर में रहनेवाली चर्चित पत्रकार शारदा उग्रा से मिलिए और सुनिए तफ्सील में हुई ये बातचीत जिसमें शामिल हैं वो सवाल जो आपके मन में उठते रहे होंगे।
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैंThu, 25 Jul 2024 - 157 - कांग्रेस का तिलिस्म तोड़नेवाला नेता जो बिहार में बंदूकें बंटवाना चाहता था: पढ़ाकू नितिन, Ep 157
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाज़ा गया तो बहुत सारे लोग उनके नाम से पहली दफे परिचित हुए। हालांकि बिहार उन्हें जानता था जहां के वो दो बार सीएम रहे मगर नई पीढ़ी फिर भी कम जानती है। कर्पूरी ठाकुर का दिलचस्प जीवन किताब में समेटा है संतोष सिंह ने। उनकी किताब का नाम है- द जननायक। इस किताब में कर्पूरी ठाकुर की ज़िंदगी के बेशुमार पहलू उघाड़े गए हैं। पढ़ाकू नितिन में इस बार कहानी कर्पूरी की संतोष सिंह के ज़रिए.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैंThu, 18 Jul 2024 - 156 - इस हिंदुस्तानी पत्रकार की आंखों के सामने तालिबान ने काबुल कब्ज़ा लिया: पढ़ाकू नितिन, Ep 156
तालिबान ने काबुल में 15 अगस्त 2021 को एंट्री ली तो हमने वो तस्वीरें टीवी-अख़बारों में देखीं। तालिबान के लड़ाकों को हथियार लहराते, हिंसा करते, प्रेसिडेंशियल हाउस में उछलकूद करते देखा गया। इस दौरान एक हिंदुस्तानी पत्रकार नयनिमा बासु काबुल में ही मौजूद थीं और जान पर खेलकर सब रिपोर्ट कर रही थीं। इस बार पढ़ाकू नितिन में उसी एक हफ्ते की कहानी नयनिमा से सुनेंगे जब तालिबान के फिर लौटने का शोर मचा, पॉलिटिकल एलीट्स ने इसे नकारा और आख़िरकार बंदूक़ लहराते तालिबान को सभी ने काबुल क़ब्ज़ाते देखा।
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैंThu, 11 Jul 2024 - 155 - सब बदलने के बावजूद तीन नए आपराधिक कानूनों में क्या कुछ नहीं बदला?: पढ़ाकू नितिन, Ep 155
तीन नए आपराधिक कानून आ गए, लागू भी हो गए मगर कुछ लोगों के गले से नहीं उतरे। जज, वकील, लॉ स्टूडेंट्स, पुलिस सबको कंफ्यूज़न है। हर किसी को क्लैरिटी चाहिए। हमने इसीलिए पढ़ाकू नितिन में न्यौता है सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट संजॉय घोष को। इस बातचीत में बड़े ही इंटरेस्टिंग अंदाज़ में संजॉय ने नए क़ानूनों पर अपनी राय रखी।
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 04 Jul 2024 - 154 - नेहरू अपने राजदूत कैसे चुनते थे और एक स्टेनोग्राफर को क्यों एंबेसेडर बनाया?: पढ़ाकू नितिन, Ep 154
नेहरू के सामने एक देश को अकाल, विभाजन और सांप्रदायिक आग के बीच से निकालने की चुनौती थी। वो जानते थे कि ये काम बिना दूसरे देशों की मदद के नहीं होगा। उन्होंने IFS की स्थापना की मगर उसके पहले नेहरू ने खुद उन लोगों को चुना जो भारत की तरफ से विदेशों में उसके प्रतिनिधि बने। इनमें कमाल के लोग शामिल थे। उन्हीं पर एक किताब आई Nehru’s First Recruits. कल्लोल भट्टाचार्जी ने लिखी है। पढ़ाकू नितिन में उनसे ही सुनेंगे डिप्लोमेसी की दुनिया से निकले दिलचस्प किस्से।
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 27 Jun 2024 - 153 - करोड़ों गंवाकर फिर करोड़ों बनाने वाले से जानिए शेयर मार्केट में क्या ना करें?: पढ़ाकू नितिन, Ep 153
शेयर मार्केट के हो हल्ले के बीच कितने लोग करोड़पति बनते हैं, और जाने कितने लखपति. पिछले कुछ महीनों से औसत 20 लाख डीमेट अकाउंट हर महीने खुल रहे हैं. 4 सालों में सेंसेक्स 26 हज़ार से 77 हज़ार पहुंच गया है और फरवरी 2024 तक देश में 15 करोड़ डीमैट अकाउंट थे. इसका मतलब कि जिसे देखो वो शेयर बाज़ार की तरफ भागा जा रहा है, लेकिन इस भागदौड़ में कई बार ठोकर लग जाती है. ऐसी ही ठोकर लगी थी गाज़ियाबाद के रहने वाले दीपक वाधवा को. ट्रेडिंग में करोड़ों गंवा दिए और फिर खुद को संभालकर मार्केट में पहुंचे. अब वो ना सिर्फ अपना खोया कैपिटल वापस पा चुके हैं बल्कि लोगों को बता रहे हैं कि कैसे शेयर मार्केट में वो गलती ना करें जो उन्होंने खुद की थीं, सुनिए इस बार उन्हें पढ़ाकू नितिन में.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 20 Jun 2024 - 152 - Bigg Boss के नैरेटर की ये सच्चाई आपकी ज़िंदगी बदल सकती है: पढ़ाकू नितिन, Ep 152
हमारी पहचान की कई परतें होती हैं, नाम, काम, धर्म, शक्ल, सूरत के अलावा आवाज़ भी हमारी पहचान का अहम हिस्सा है. आवाज़ कई बार रहस्य पैदा करती हैं, आवाज़ से भ्रमित भी किया जा सकता है, तो आवाज़ें हमें जोड़ती भी हैं, आवाज़ों की अपनी दुनिया होती हैं और तो और आवाज़ करियर ऑप्शन भी है. हम-आपने कई लोगों को कहा होगा, फलाने की आवाज़ सुनी है? उसकी आवाज़ में दम है. हमाने साथ एक ऐसे शख़्स से बात की जिन्हें किसी ने बताया कि तुम्हारी आवाज़ बहुत अच्छी है और उन्होंने बस इसे कॉम्पिलमेंट की तरह नहीं लिया, इसे अपना रोज़गार बना लिया, आज शायद ही कोई ऐसा मशहूर रियैलिटी शो है जिसमें इनकी आवाज़ नहीं है. डांस इंडिया डांस से शुरू हुआ ये सफ़र बिग बॉस की ऊंचाईयों तक गया. बिग बॉस के नैरेटेर और कई फ़ेसम वेब सीरिज़ में एक्टिंग कर चुके विजय विक्रम सिंह को सुनिए ‘पढ़ाकू नितिन’ में.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 13 Jun 2024 - 151 - नागा साधुओं का रहस्य और इतिहास क्या है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 151
नागा साधु कहां से आते हैं, कहां चले जाते हैं? कोई नागा कैसे बनता है? अघोरी और नागा में क्या फ़र्क़ है? इतिहास नागाओं के बारे में क्या बताता है? इन सारे सवालों के साथ हम मिले नागाओं पर किताब लिखने वाले चर्चित लेखक अक्षत गुप्ता से. पढ़ाकू नितिन में सुनिए क्या कहते हैं वो.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट मेंव्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 06 Jun 2024 - 150 - कारगिल में हमने क्या ग़लती की और थिएटर कमांड सेना की किन मुश्किलों का हल है: पढ़ाकू नितिन, Ep 150
थिएटर कमांड का शोर बहुत है लेकिन इस तरफ देश पच्चीस साल में ढाई कोस ही चला है. कोई कह रहा है कमांड्स बनने के बाद सेनाओं का स्ट्रक्चर बदल जाएगा, किसी का कहना है कि पुरानी परंपराओं को बदलना होगा, एयरफ़ोर्स के कुछ सवाल हैं तो एक्सपर्ट्स संशय जता रहे हैं कि अब आर्मी ही सुपीरियर हो जाएगी. थिएटर कमांड खुद एक मुश्किल है या मुश्किलों का समाधान हमने जाना 'पढ़ाकू नितिन' की बैठकी में गौरव सावंत के साथ. पिछले ढाई दशकों में उन्होंने दुनिया में चल रही सभी जंग कवर की हैं और कारगिल कवर करने के बाद मशहूर किताब “डेटलाइन कारगिल” भी लिखी.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 30 May 2024 - 149 - 'दैव' पर 150 साल बाद आई किताब, जो इंसानी शरीर में घुसकर बोलते हैं!: पढ़ाकू नितिन, Ep 149
कांतारा मूवी आपने देखी हो तो शायद आपको कोला याद हो. इस कोला में बुलाया जाता है “दैव” को. दैव वो ताकत हैं जिनके बारे में मान्यता है कि वो इंसानी शरीर में आकर सबके जवाब देते हैं. कुछ लोग मानते हैं वो भूत हैं. इस सब्जेक्ट पर डेढ़ सौ साल पहले एक किताब लिखी गई थी, और अब फिर आई है- “दैव”. लेखक हैं के हरि कुमार. जिस तुलु समुदाय में “दैव आराधना” का प्रचलन है कुमार उसी से संबंध रखते हैं. आज के पढ़ाकू नितिन मे उन्हीं के साथ बैठकी.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 23 May 2024 - 148 - JNU के एक पत्थर ने खोला इतिहास, सिंधु लिपि 'अफीम' क्यों और पुराने क़िले का राज़: पढ़ाकू नितिन, Ep 148
एक रोज़ एक आर्कियोलॉजिस्ट जेएनयू की सड़कों पर टहल रहे थे। आदत के मुताबिक़ नीचे देख रहे थे। उम्मीद नहीं थी कि चंद कदमों दूर उन्हें पत्थर का ऐसा टुकड़ा मिलेगा जो प्राचीन इतिहास को बदल देगा.. और ये पहली बार नहीं था जब बीएम पांडे को ज़मीन से मिले किसी सुराग ने इतिहास की धारा को मोड़ा हो। ASI में पैंतीस साल तक काम करनेवाले बीएम पांडे 1996 में डायरेक्टर पद से रिटायर हुए थे। पद्म विभूषण बीबी लाल के शिष्य पांडे जी ने कालीबंगा, गिलूंद, सरदारगढ़, बुर्ज़होम, थानेसर के excavations में हिस्सा लिया और दिल्ली के पुराना किले में भी अहम खोज कीं। पढ़ाकू नितिन में आज बैठकी बीएम पांडे जी के साथ ही।
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 16 May 2024 - 147 - अटल ने जिसे एंटी नेशनल कहा वो एक्टर क्यों ख़ुद को 'भांड' कहता है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 147
एक रुका हुआ फैसला, तारे ज़मीं पर, आयशा जैसी फिल्में हों या पचास साल तक देशभर में घूमकर थिएटर करना, कश्मीर का लोक नाट्य दुनिया में फैलाना या इमरजेंसी, सिख विरोधी दंगे, बाबरी विध्वंस के बाद राष्ट्रपति से मिलना और सफदर हाशमी की हत्या के बाद सहमत का बनना… एम के रैना हर जगह हैं. उनकी नई किताब आई है.. ‘Before I Forget’. इसमें आधी सदी में उन पर गुज़रे सारे किस्से दर्ज हैं.. आज ‘पढ़ाकू नितिन’ में आनंद लीजिए इस बैठकी का.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 09 May 2024 - 146 - कपड़े उतारने को क्यों तैयार हो जाते हैं लोग, Nude Sketch Artist ने बताया: पढ़ाकू नितिन, Ep 146
पेंटिंग की दुनिया में स्किल का ज़रूरी हिस्सा है- बिना कपड़ों की तस्वीरें बनाना. सुनने में अजीब सा लगता है. हम खुद कभी किसी पेंटर का सब्जेक्ट हो सकते हैं?? शायद नहीं, या शायद हां. स्केच आर्टिस्ट किसी को कपड़े उतारने के लिए कन्विंस कैसे कर लेते हैं? किसी को अपना न्यूड स्केच बनवाकर क्या मिलता है? ये सारे जवाब आज के पढ़ाकू नितिन में दे रहे हैं मिहिर श्रीवास्तव. दिल्ली के रहनेवाले मिहिर ने आजतक पांच सौ न्यूड स्केचेज़ बनाए हैं और अपने अनुभवों पर एक किताब भी लिखी है.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 02 May 2024 - 145 - सिनेमा के समंदर से कैसे निकालें काम की फ़िल्में?: पढ़ाकू नितिन, Ep 145
जिगन, लंदन, वियना, शंघाई और आधी दुनिया घूमकर भारत लौटे एक पत्रकार ने ढेरों नोट्स बनाए, और फिर उससे निकाली एक सुंदर सी किताब. इसका नाम है- ‘बेखुदी में खोया शहर- एक पत्रकार के नोट्स.’ इस किताब में दुनियाभर के शहर हैं, सिनेमा है, कला है, संगीत है और साथ में हैं ढेरों यादें उस गांव देहात की जो वो पीछे छोड़ आया. आज के पढ़ाकू नितिन में ढाई दशक से पत्रकारिता कर रहे अरविंद दास से मुखामुखम हुआ, उसका आनंद लीजिए.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 25 Apr 2024 - 144 - औरंगज़ेब ने क्यों गिरवाए मथुरा के मंदिर और चर्चिल का वृंदावन से क्या रिश्ता?: पढ़ाकू नितिन, Ep 144
दिल्ली से 180 किमी दूर यमुना किनारे बसा है मथुरा. इतना पुराना शहर कि दो हजार साल पहले इजिप्ट के खगोलशास्त्री टॉल्मी ने इस शहर का ज़िक्र मोदुरा नाम से किया. लैटिन में इसका मतलब हुआ- सिटी ऑफ गॉड्स. यहीं है वृंदावन.. मंदिरों का शहर. यहां हर टीले के नीचे इतिहास दफन है. आपने कभी मथुरा वृंदावन की ऐसी दिलचस्प कहानी नहीं सुनी होगी जिसमें चैतन्य महाप्रभु हैं, औरंगज़ेब है, अकबर है, मान सिंह है, चर्चिल भी है और हैं कुछ प्राचीन मंदिर जिनका रिश्ता कलिंग तक से है. इस बार पढ़ाकू नितिन में सुनिए मदन मोहन मंदिर पर किताब लिखने वाले सुशांत भारती से गज़ब किस्से. सुशांत कन्ज़रवेशन आर्किटेक्ट और रिसर्चर हैं. रॉयल एशियाटिक सोसायटी ऑफ आयरलैंड एंड ग्रेट ब्रिटेन के फैलो भी और साथ ही लंदन की रॉयल हिस्टोरिकल सोसायटी के असोसिएट फैलो भी.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Fri, 19 Apr 2024 - 143 - इंदिरा पर देवी का कोप, बाबरी पर राव का कबूलनामा और मनमोहन का बेस्टफ्रेंड: पढ़ाकू नितिन, Ep 143
प्रधानमंत्री हमारे देश का सबसे ताकतवर पद है। नीतियां तय करना, लागू कराना, देश का विदेशों में प्रतिनिधित्व करना सब उसकी ही असीम ताकत का हिस्सा है। हम प्रधानमंत्रियों के फैसले देखते हैं लेकिन कभी उस प्रक्रिया को नहीं देखते जो फैसले के पीछे होती है और ना कभी इस पद पर बैठे शख्स के मूड, पूर्वाग्रहों और ज़िद को देख पाते हैं। छह प्रधानमंत्रियों पर अवॉर्ड विनिंग जर्नलिस्ट नीरजा चौधरी ने किताब लिखी है- How Prime Ministers Decide. चार दशकों तक राजनीतिक कोठरियों से कहानियां निकालती रहीं नीरजा ने पढ़ाकू नितिन में इंदिरा, मोरारजी, राजीव, राव, चंद्रशेखर, चरण सिंह, अटल, मनमोहन पर जमकर किस्से सुनाए।
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 11 Apr 2024 - 142 - ज्ञानी ज़ैल सिंह - इंदिरा के ख़ास, संजय के भरोसेमंद लेकिन राजीव की मुसीबत: पढ़ाकू नितिन, Ep 142
ये कहानी ऐसे राष्ट्रपति की है जो पंजाब के ठेठ गांव से निकला और अंग्रेज़ों से लड़ता हुआ राजनीति में आ गया. फिर मंत्री बना, मुख्यमंत्री भी, गृहमंत्री और आखिरकार राष्ट्रपति.. राष्ट्रपति भी ऐसा जिसने पद संभालने से पहले कह दिया नेता कहेंगी तो झाड़ू भी लगाऊंगा लेकिन जब राष्ट्रपति बना तो प्रधानमंत्री आशंकित रहे कि जाने कब सरकार बर्खास्त हो जाए. ऑपरेशन ब्लूस्टार, इंदिरा की हत्या, सिख दंगे, राजीव गांधी सरकार का अविश्वास.. ये सब देखनेवाले देश के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह से जुड़े किस्से सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में उन्हीं के उप सचिव रहे पूर्व डिप्लोमेट के सी सिंह से.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 04 Apr 2024 - 141 - इंडियन इस्लाम, गांधी और अल्लाह नाम की सियासत: पढ़ाकू नितिन, Ep 141
हिंदुस्तान में मुसलमानों का इतिहास इस्लाम जितना पुराना है। भारतीय लोकतंत्र में भी उनकी भागीदारी भरपूर है लेकिन सियासी मुहावरों में वो वोट बैंक भी हैं। इस्लाम के भारतीय वर्ज़न में हमारी आपकी समझ के लिए बहुत कुछ छिपा है। ये भी कि मुसलमानों में भी जातियां हैं, ये भी कि मुस्लिम होते हुए धर्मनिरपेक्ष हुआ जा सकता है क्या और ये भी कि गांधी मुसलमानों के बारे में क्या कहते थे? इस बार हिलाल अहमद ने पढ़ाकू नितिन में कुछ मुश्किल सवालों के जवाब दिए जिनसे वो अपनी किताब “अल्लाह नाम की सियासत” में भी मुखातिब थे।
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 28 Mar 2024 - 140 - Citizenship का फंडा कहां से आया और किसी देश का नागरिक होना ज़रूरी है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 140
नागरिकता का कॉन्सेप्ट बहुत नया है या ज़्यादा पुराना? नागरिक कौन होता है? नागरिकता कैसे छिन जाती हैं? भारत का नागरिकता कानून क्या बोलता है और सीएए कानून की बारीकियाँ.. आज के 'पढ़ाकू नितिन' में इन्हीं सवालों के जवाब देने आई हैं जेएनयू में पढ़ानेवाली और नागरिकता पर कई किताबें लिखनी वालीं प्रोफेसर अनुपमा रॉय.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 21 Mar 2024 - 139 - जलियाँवाला बाग के चश्मदीद नानक सिंह की किताबें क्या बताती हैं?: पढ़ाकू नितिन, Ep 139
लेखक अपने समय का इतिहासकार है। पंजाबी लेखक नानक सिंह भी वही थे। उन्होंने जलियांवाला से लेकर पंजाब का विभाजन तक अपनी आंखों से देखा। उसके बारे में कहानी-किस्से-उपन्यास लिखे। उन्हीं नानक सिंह के पोते पूर्व डिप्लोमेट नवदीप सूरी ने हमसे साझा किया कि उनके दादा उस हिंदुस्तान के बारे में क्या कहते थे जिसे बस हम किताबों में पढ़ते हैं।
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैंThu, 14 Mar 2024 - 138 - रामसेतु पर चलकर श्रीलंका आते-जाते थे लोग?: पढ़ाकू नितिन, Ep 138
भारत और श्रीलंका के बीच चूना पत्थरों की कड़ी को एडम्स ब्रिज या रामसेतु कहा जाता है. धार्मिक आख्यानों से लेकर पर्यावरणीय विविधता तक इसका महत्व झुठलाया नहीं जा सकता. ये भी बड़ी हकीकत है कि इस संरचना को लेकर भ्रम, सवाल, जिज्ञासा अनंत हैं. इन्हीं की शांति के लिए हमारे मेहमान बने हैं प्रो अरूप के चटर्जी, जिन्होंने एक किताब “एडम्स ब्रिज” भी लिखी है.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैंThu, 07 Mar 2024 - 137 - बांग्लादेश- नेपाल ने ऐसा क्या किया कि भारत से आगे निकल गए?: पढ़ाकू नितिन, Ep 137
किसी देश के लिए इतना ही काफी नहीं कि वहां कितने अमीर बसते हैं, ज़रूरी ये आंकड़ा भी है कि कितने गरीब रहते हैं. महिला सुरक्षा, सेहत, शिक्षा, जीवन प्रत्याशा के नंबर भी बताते हैं कि देश किस राह पर है. स्वाति नारायण ने एक किताब लिखी है 'Unequal', जिसकी चर्चा संसद तक में है. किताब का दावा है कि बहुत से इंडिकेटर्स में भारत के पड़ोसी उसे पछाड़ रहे हैं. ये किताब चिंता पैदा करती है और ये चाह भी कि गड़बड़ियों को दुरुस्त करके आगे बढ़ा जाए.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 29 Feb 2024 - 136 - चुनावी चंदा, EVM पर शक़, इलेक्शन कमीशन की बेबसी! : पढ़ाकू नितिन Ft. SY Quraishi, Ep 136
कहते हैं कि हिंदुस्तान हमेशा इलेक्शन में रहता है. कहीं ना कहीं चुनाव चल रहा होता है. दुनिया की सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश में चुनाव करना-करवाना आठवां अजूबा ही है मगर ये अजूबा चुनाव आयोग करीब 75 सालों से कराता चला जा रहा है. इस पूरे भारी भरकम प्रोसेस में मुश्किलें भी कम नहीं. कभी इलेक्टोरल बॉन्ड का झंझट, कभी EVM पर मचमच और कितनी बार तो नेताओं के गिले शिकवे. 'पढ़ाकू नितिन' में इस बार आए हैं देश के 17वें मुख्य चुनाव आयुक्त रहे एस वाई कुरैशी साहब. उनसे हमने किए मुश्किल सवाल और उन्होंने दिए सबके तसल्लीबख्श जवाब.
Thu, 22 Feb 2024 - 135 - चंद्रकांता के क्रूर सिंह को एक्टर होने का प्रूफ कंडक्टर को क्यों देना पड़ा?: पढ़ाकू नितिन, Ep 135
चंद्रकांता का क्रूर सिंह, गंगाजल का डीएसपी भूरेलाल, सरफरोश का मिर्ची सेठ और लगान का अर्जन सिंह… सब एक ही थे. नाम है- अखिलेंद्र मिश्र. बच्चों बच्चों को उनका “यक्कू” याद है. 40 साल एक्टिंग की यात्रा करके आज वो 'पढ़ाकू नितिन' के मेहमान हुए. बातें ज़बरदस्त हुई हैं. मज़े का वादा पक्का है...सुनिएगा.
Thu, 15 Feb 2024 - 134 - भारत के सबसे बड़े कूटनीतिज्ञ से समझें चीन के सोचने का तरीका: पढ़ाकू नितिन, Ep 134
चीन आबादी में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा और इलाके में तीसरा सबसे बड़ा देश है लेकिन उसका सपना इकोनॉमी में सबसे बड़ा देश बनना है. दर्जनों विद्वान कहते हैं बन भी जाएगा लेकिन हमारी टेंशन है कि पड़ोस में बसा ये देश हमें बराबरी का दर्जा नहीं देता. और ऐसा होने की वजहें ढेर हैं. कई तो हिस्ट्री में छुपी हैं. 'पढ़ाकू नितिन' इसे ही उघाड़ने आए हैं भारत के 32वें विदेश सचिव और चीन में राजदूत रहे विजय गोखले.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 08 Feb 2024 - 133 - Parliament Attack की साज़िश का पुलिस अफसर ने कैसे 48 घंटों में खुलासा किया?: पढ़ाकू नितिन, Ep 133
23 साल पहले भारतीय संसद पर आतंकी हमला हुआ था. इस केस की गुत्थी 48 घंटों में सुलझाई गई और अफ़ज़ल गुरू को फांसी भी इसी केस में हुई. लेकिन इनवेस्टिगेशन को अंजाम कैसे दिया गया? जिस पुलिस अफसर ने मामला खोला उनका नाम है अशोक चांद. 32 सालों में उन्होंने ढेरों हाई प्रोफ़ाइल केस सुलझाए. 13 साल में दो बार आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी उनके हिस्से है. तो आज के 'पढ़ाकू नितिन' में बात करेंगे दिल्ली के रिटायर्ड एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अशोक चांद और आजतक के एडिटर क्राइम एंड इन्वेस्टिगेशन अरविंद ओझा से और सुनेंगे संसद हमले से लेकर लाल किला आतंकी हमला केस तक की कहानी.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 01 Feb 2024 - 132 - वित्तमंत्रियों, RBI, इकोनॉमी से जुड़े ये क़िस्से आपको नई दुनिया दिखाएंगे: पढ़ाकू नितिन, Ep 132
दुनिया पैसे से चलती है ये आपने सुना होगा, लेकिन कितना पैसा किसकी जेब में जाएगा तय कौन करता है? किसी देश का वित्त मंत्रालय. अब वित्त मंत्रालय चलाते हैं मंत्री और सेक्रेटरी. मगर आपको इसकी बारीकी और काम करने का तरीका शायद पता नहीं होगा. आज हमने पढ़ाकू नितिन में एक इनसाइडर को न्यौता दिया है. उनका नाम है सुभाषचंद्र गर्ग. वर्ल्ड बैंक और राजस्थान के वित्तीय मामलों को संभालने के बाद उन्होंने दो सालों तक वित्त सचिव का कामकाज संभाला, वो भी तीन तीन मंत्रियों के साथ. इस दौरान उनके कार्यकाल में खूब दिलचस्प घटनाएं घटीं. सुनिए और बताइए कैसा लगा हमारा ये पॉडकास्ट.
Thu, 25 Jan 2024 - 131 - नेहरू ने अपने गहरे दोस्त शेख़ अब्दुल्ला को जेल क्यों भेजा था?: पढ़ाकू नितिन, Ep 131
कश्मीर का ज़िक्र हमेशा शेख अब्दुल्ला के बिना अधूरा है. नेशनल कॉन्फ़्रेंस के इस नेता ने विद्रोही, शासक, कैदी हर रोल में छाप छोड़ी. जिन्ना से शेख का हमेशा झगड़ा रहा क्योंकि वो इस्लाम के नाम पर राजनीति नहीं करना चाहते थे, विभाजन होते ही क़बायली वेश में पाकिस्तानी आर्मी घाटी में घुस आई तो शेख के वर्कर्स ही लाठी लेकर लड़ने उतरे, राजशाही से जूझते शेख ने हमेशा लोकतंत्र की पैरवी की मगर क्या हुआ जो वो आज़ाद भारत में जेल भेजे गए. क्या हुआ कि नेहरू से उनकी दूरी बढ़ गई. क्या हुआ कि वो अलगाववादी कहलाए गए, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में प्रो चित्रलेखा ज़ुत्शी से जिन्होंने शेख और कश्मीर पर कई किताबें लिखी हैं.
Thu, 18 Jan 2024 - 130 - फर्ज़ी मर्डर केस में 12 साल हुआ टॉर्चर, फिर ऐसे लिया बदला: पढ़ाकू नितिन, Ep 130
एक लड़के पर फर्ज़ी केस लगा, पुलिस टॉर्चर हुआ, जेल गया, फिर खुद वकालत पढ़के बरी हुआ. आपको लग रहा होगा किसी वेबसीरीज़ या फिल्म की कहानी है, लेकिन ये हकीकत है सिस्टम की. सिस्टम में बैठे करप्ट लोगों के बावजूद कामयाब होने की, हिम्मत ना हारने की. 'पढ़ाकू नितिन' में सुनेंगे बागपत के अमित चौधरी से उनकी आपबीती जो अब मेरठ में कामयाब वकील हैं.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 11 Jan 2024 - 129 - प्राचीन अयोध्या की सिटी प्लानिंग, पेरू से कनेक्शन और अनसुने क़िस्से: पढ़ाकू नितिन, Ep 129
अयोध्या को देखने का सबका अपना नज़रिया है. कुछ लोग इसे इतिहास मानते हैं तो कुछ ऐसा मिथक जो रामायण से शुरू हुआ. बावजूद इसके ये सच है कि अयोध्या नाम का शहर सैकड़ों साल से मौजूद है अपने बदलते नामों के साथ और उस भूगोल के भी जिसका विवरण पुराणों में मिलता है. वाल्मीकि कृत रामायण में तो अयोध्या पर जो बारीक जानकारियाँ मिलती हैं वो हैरतनाक हैं. आज के पढ़ाकू नितिन में 'अमेज़िंग अयोध्या' की लेखिका नीना राय से जानेंगे त्रेताकालीन अयोध्या की कहानी.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 04 Jan 2024 - 128 - कोठों से लेकर सल्तनत तक चलानेवाली तवायफों की कहानी: पढ़ाकू नितिन, Ep 128
तवायफों को हमने फिल्मों में देखा है, उनके बारे में उपन्यासों से जाना है. होना ये चाहिए था कि दौलत और रुतबा रखनेवाली इन तवायफों को इतिहास में तवज्जो मिलती लेकिन मिला तिरस्कार. हिंदुस्तान की मशहूर तवायफों के क़िस्से आज 'पढ़ाकू नितिन' में सुनेंगे एकता कुमार से जिन्होंने तवायफों पर किताब भी लिखी है.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 28 Dec 2023 - 127 - ख़राब अंग्रेज़ी पर जिसका मज़ाक उड़ा उसने लंदन विवि में कैसे चुनाव जीत लिया?: पढ़ाकू नितिन, Ep 127
जहां चाह वहां राह. ये मुहावरा सही साबित किया बुलंदशहर के सुशांत सिंह ने. दलित परिवार के बेटे सुशांत ने गरीबी और मार्गदर्शन के अभाव से लड़ते हुए लंदन यूनिवर्सिटी में ना सिर्फ कानून की पढ़ाई की बल्कि दो दो बार छात्रसंघ चुनाव जीता. सुशांत बाबासाहेब अंबेडकर को अपनी प्रेरणा मानते हैं और हर सवाल का जवाब उनके जीवन में खोजते हैं. 'पढ़ाकू नितिन' में सुशांत के सफ़र के ज़रिए सुनिए ब्रिटेन में स्टूडेंट पॉलिटिक्स की कमाल कहानियां.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 21 Dec 2023 - 126 - लोहिया वक्त से आगे के नेता क्यों थे?: पढ़ाकू नितिन, Ep 126
राम मनोहर लोहिया हिंदुस्तानी सियासत के सबसे आकर्षक नेताओं में एक रहे हैं. उनकी राजनीतिक सोच समझ से प्रेरित होकर बहुत सारे नेताओं और दलों ने अपनी पारी खेली. लोहिया ने आज़ादी के पहले जितने जूझकर लड़ाई लड़ी, उतनी ही बड़ी लड़ाई आज़ादी के बाद संसद में लोकतंत्र के लिए लड़ी. उनके जीवन में कलर्स की कोई कमी नहीं. ज़िद्दी थे, स्वच्छंद भी, जुझारू और ज़बरदस्त बौद्धिक भी. आज उन्हीं लोहिया के जीवन से ढेरों दिलचस्प पहलू खोलने के लिए 'पढ़ाकू नितिन' की बैठकी में पधारे हैं पत्रकार और लेखक अरविंद मोहन.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 14 Dec 2023 - 125 - नेहरू ने इंदिरा गांधी को बढ़ाया तो शास्त्री क्यों ख़ामोश रहे?: पढ़ाकू नितिन, Ep 125
इंदिरा गांधी ने देश पर सोलह साल शासन किया. उनके हिस्से तारीफ और आलोचना दोनों आईं. इमरजेंसी वाला मामला उन पर मौत के बाद भी हावी रहा लेकिन इसके अलावा भी उनके दामन पर कई तरह के दाग रहे. लेखक विष्णु शर्मा की किताब “इंदिरा फाइल्स” 50 आरोप लगाती है, 'पढ़ाकू नितिन' पॉडकास्ट के इस एपिसोड में सुनिए उनसे दिलचस्प बातचीत.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 07 Dec 2023 - 124 - सावरकर ने भारतीय संविधान में 'हिंदू राष्ट्र' की मांग क्यों नहीं की?: पढ़ाकू नितिन, Ep 124
संविधान लागू हुए 75 साल होने जा रहे हैं. जितनी इसकी तारीफ होती है उतनी ही आलोचना भी. आलोचना के कई बिंदुओं में एक है इसके अंदर ब्रिटिश उपनिवेशवादी काल के कानूनों का होना. क्या केवल इस वजह से इसे 'Colonial Constitution' कहा जा सकता है? क़ानून के जानकार और लेखक अर्घ्य सेनगुप्ता ऐसा ना केवल मानते हैं बल्कि किताब इसी नाम से लिखी है. इस बार 'पढ़ाकू नितिन' में उनकी दलील सुनिए.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 30 Nov 2023 - 123 - IAS अफसरों ने वोट करके बताया उनमें कौन सबसे करप्ट, फिर क्या हुआ?: पढ़ाकू नितिन, Ep 123
करीब 30 साल पहले एक अनोखा चुनाव हुआ. देश के सारे IAS अफसरों ने मिलकर अपने बीच से 3 सबसे करप्ट अफसरों को चुना. ऐसा इलेक्शन ना पहले देखा गया था और ना उसके बाद कभी हुआ. लेकिन इसका होना आसान नहीं था.. मगर फिर भी हुआ. उसके बाद हालात और मुश्किल बन गए. क्यों ये चुनाव हुए, जिनका नाम आया वो कौन थे, क्या उन पर कभी कोई एक्शन हुआ.. 'पढ़ाकू नितिन' में ये कहानी सुनाने आए हैं यूपी के कई ज़िलों के डीएम रहे, सीएम ऑफिस में बड़ी बड़ी ज़िम्मेदारियां निभानेवाले और केंद्र सरकार को भी सेवा देते रहे पूर्व आईएएस विजय शंकर पाण्डेय. इसके अलावा सुनिए क्यों वो मुलायम सिंह यादव की गुडबुक में नहीं थे, मायावती का वर्किंग स्टाइल कैसा था, क्या हुआ जब चंद्रास्वामी ने बाबरी विध्वंस के बाद ठान लिया कि अयोध्या में ही यज्ञ करेंगे.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 23 Nov 2023 - 122 - कहीं जलाना, कहीं दफ़नाना, टावर पर छोड़ देना..अंतिम विदाई के ये तरीक़े क्या कहते हैं?: पढ़ाकू नितिन, Ep 122
मौत शाश्वत सत्य है. इंसान जिस शरीर के ज़रिए इस दुनिया के हर कामकाज निपटाता है उसे एक दिन छोड़कर जाना पड़ता है. इस काया का निपटान भी अलग अलग तरीके से होता रहा है. हर धर्म, इलाके, संस्कृति का अपना तरीका है जो कई बार हैरान करता है तो कई दफे सोचने को मजबूर. इस बार पढ़ाकू नितिन में 'अंतिम संस्कार' जैसे टॉपिक पर बैठकी जमी डॉ मिनाक्षी दीवान से.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 16 Nov 2023 - 121 - निठारी कांड वाले सुरेंद्र कोली के लिए फंदा तैयार था फिर वो बचा कैसे?: पढ़ाकू नितिन, Ep 121
निठारी कांड डेढ़ दशक पहले भले हुआ हो लेकिन कोई उसे अब तक नहीं भूला. बच्चों की गुमशुदगी और हत्या से आगे उनके निर्जीव शरीर को खा जाने की जघन्य वारदात ने सबको हिलाकर रख दिया था. अब लंबे ट्रायल के बाद उस केस के दोनों आरोपी बरी हो गए हैं. सवाल है कि जब सारा केस एकदम सीधा था फिर कैसे आरोपियों को सज़ा नहीं मिली, साथ ही जानिए कि एक बार फांसी का फंदा तैयार था मगर सुरेंद्र कोली कैसे बच गया? पढ़ाकू नितिन में पूरी कहानी सुना रहे हैं मशहूर सीनियर क्राइम जर्नलिस्ट शम्स ताहिर खान.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 09 Nov 2023 - 120 - एंकरिंग में नायाब रिकॉर्ड दर्ज करानेवाले सईद अंसारी के हाथ पांव कब फूले?: पढ़ाकू नितिन, Ep 120
टीवी पर न्यूज़ हर कोई देखता है और इस न्यूज़ को आप तक पहुंचाते हैं प्रेजेंटर या एंकर. अपनी आवाज़ और अंदाज़ से हर न्यूज़ को रोचक बनाने वाले इन एंकरों की दुनिया कैसी होती है, जितनी आसानी से ये न्यूज़ आपतक पहुंचाते हैं, क्या इसका प्रोसेस भी इतना ही आसान होता है, किस तरह की चुनौतियों से दो-चार होना पड़ता है इन्हें, इन सब पर बात बात करने के लिए 'पढ़ाकू नितिन' के इस एपिसोड में हमने बुलाया न्यूज़ एंकरिंग की दुनिया की जानी-मानी हस्ती सईद अंसारी को. इस पॉडकास्ट में उनसे कई प्रोफेशनल और पर्सनल सवाल किए गए और बड़ी बेबाक़ी से उन्होंने इसके जवाब भी दिए हैं. तो आकाशवाणी और दूरदर्शन के ज़माने से लेकर प्राइवेट मीडिया संस्थानों के कई दिलचस्प क़िस्से सुनिए.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 02 Nov 2023 - 119 - फांसी से पहले कसाब की आंखों में पछतावे की कहानी: पढ़ाकू नितिन, Ep 119
IPS अफसर को जीवन में भले सुख सुविधाओं की कमी ना हो लेकिन चैलेंज भी भरपूर हैं. अगर अफसर महिला हो तो चुनौतियों दोगुनी हो जाती हैं. इस बार 'पढ़ाकू नितिन' में मिलिए मीरां चड्ढा बोरवनकर से जो महाराष्ट्र की पहली महिला एसपी और कमिश्नर रहीं. उन्होंने क्राइम ब्रांच से लेकर प्रदेश के जेलों तक की ज़िम्मेदारी संभाली, वो भी ऐसे वक्त में जब आतंकी कसाब और याकूब मेमन की फांसी हुई. उनके करियर में खूब दिलचस्प घटनाएं घटी हैं और वही 'पढ़ाकू नितिन' के इस पॉडकास्ट में सुनिएगा.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 26 Oct 2023 - 118 - बिहार की पॉलिटिक्स 35 सालों में कैसे बदल गई?: पढ़ाकू नितिन, Ep 118
बिहार हमारे देश की प्राचीन सभ्यता का बड़ा गढ़ रहा है, इस नाते राजनीति का भी. लोकतांत्रिक राजनीति में भी इस सूबे ने हमेशा झंडे गाड़े. देश को एक से बढ़कर एक नेता दिए, यहीं आंदोलनों की फसल लहलहाई, राजनीतिक मॉडलों से परिचय कराया. इस पॉडकास्ट में बिहार की पॉलिटिक्स को दशकों से कवर कर रहे पत्रकार और लेखक संतोष सिंह के साथ हमने बिहार के साढ़े तीन दशकों की यात्रा पर चलने का प्रयास किया है.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 19 Oct 2023 - 117 - इज़रायल-फ़िलिस्तीन के झगड़े में कौन छिपकर खेल रहा है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 117
दुनिया में हमेशा कहीं ना कहीं जंग चलती रहती है. ग़ाज़ा के ईर्द गिर्द तो ये रुटीन है. 35 एकड़ के अल अक्सा कॉम्प्लेक्स के लिए सैकड़ों साल से जूझ रहे तीन धर्मों का संघर्ष अब जियोपॉलिटिक्स की बड़ी गुत्थी बन गया है. इज़रायल-फ़िलिस्तीन की खींचतान का रेशा रेशा इस पॉडकास्ट में खोला गया है. 'पढ़ाकू नितिन' में इस बार मेहमान हैं जेएनयू में इंटरनेशनल अफ़ेयर्स पढ़ानेवाले और इज़रायल होकर आए असिस्टेंट प्रोफेसर अमिताभ सिंह.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 12 Oct 2023 - 116 - सिखों ने विभाजन से पहले मुस्लिम लीग की जगह कांग्रेस को क्यों चुना?: पढ़ाकू नितिन, Ep 116
सिखों के दसवें गुरू गोबिंद सिंह के बाद सिख साम्राज्य की स्थापना भी हुई और पतन भी. अंग्रेज़ों का दौर सिख समाज ने देखा और विभाजन भी. उसके बाद अलग सूबा बनाने का संघर्ष चला, फिर खालिस्तान आंदोलन का दंश भी झेला. सिखों से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात इस पॉडकास्ट से समझिए. पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में मेहमान हैं सिख इतिहास पर कई किताब लिखनेवाले अमृतसर की गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर जोगेंद्र सिंह.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 05 Oct 2023 - 115 - अकबर की मौत के बाद मुगलों ने सिखों से दुश्मनी क्यों ठान ली?: पढ़ाकू नितिन, Ep 115
दुनिया में ढाई करोड़ से ज़्यादा सिख हैं लेकिन उनका इतिहास कम लोग जानते हैं. इस इतिहास में धर्म के साथ त्याग, साहस, ईर्ष्या, साज़िश, प्रतिशोध सब कुछ है. एक धार्मिक समुदाय से राजनीतिक ताकत बनने की यात्रा भी है. दस गुरूओं की शानदार पंरपरा वाले सिखों से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात इस पॉडकास्ट से समझिए. 'पढ़ाकू नितिन' के इस ऐपीसोड में मेहमान हैं सिख इतिहास पर दशकों तक लिखनेवालीं पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एमिरेटस इंदु बंगा.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 28 Sep 2023 - 114 - कव्वाली को 750 सालों बाद भी कौन ज़िंदा रखे हुए है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 114
कव्वाली संगीत का सिर्फ एक फॉर्म नहीं बल्कि उससे बढ़कर विधा है. सैकड़ों सालों की यात्रा करके ये हम तक पहुंची. ख़ानकाहों और दरगाहों के आंगन में पली बढ़ी कव्वाली ने फ़िल्मों तक में जादू बिखेरा है. इस कला में ऐसा क्या है जो इसे आज तक ज़िंदा रखे है, 'पढ़ाकू नितिन' में बता रहे हैं सिकंदराबाद घराने के देश-विदेश में मशहूर कव्वाल यूसुफ खान निज़ामी.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 21 Sep 2023 - 113 - पाकिस्तानी एटम बम में Pablo Escobar का पैसा लगा था?: पढ़ाकू नितिन, Ep 113
अगर आपसे कहा जाए कि पाकिस्तान के परमाणु बम में कोलंबिया के सबसे बड़े ड्रग माफिया पाब्लो एस्कोबार का पैसा लगा है तो आपको यकीन होगा? क्या आप यकीन करेंगे कि पाकिस्तान ने दुनिया का सबसे बदनाम बैंक खड़ा किया था? क्या आपको मालूम है कि पाकिस्तानी परमाणु बम के शुरूआती परीक्षण चीन में हुए थे? और किसकी हत्या की साज़िश रचने के लिए लादेन की नवाज़ शरीफ से मीटिंग हुई थी? इस बार 'पढ़ाकू नितिन' में खुलासों की पूरी सीरीज़ है. मेहमान हैं मशहूर डॉक्यूमेंट्री मेकर और लेखक इक़बाल चंद मल्होत्रा.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 14 Sep 2023 - 112 - ट्रंप की मसखरी और ज़िनपिंग की डांट, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के दिलचस्प किस्से: पढ़ाकू नितिन, Ep 112
बड़े बड़े अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में बड़े बड़े क़िस्से होते रहते हैं. आजकल G-20 का शोर चल रहा है तो किस्से इसके भी हैं. इस बार पढ़ाकू नितिन में हमने दावत दी है अंतर्राष्ट्रीय मामलों के एक्सपर्ट प्रकाश के रे को. इस एपिसोड में उनसे सुनेंगे G-20 की ज़रूरत, कमियों, उपलब्धियों की कहानी लेकिन साथ ही ऐसे दिलचस्प किस्से भी जो आपको हैरान करेंगे और हंसाएंगे भी.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 07 Sep 2023 - 111 - टाटा और टैगोर का शिपिंग बिज़नेस अंग्रेज़ों ने कैसे चौपट किया?: पढ़ाकू नितिन, Ep 111
अंग्रेज़ों ने हिंदुस्तान में बिज़नेस करने की नीयत से कब्ज़ा किया था. फिर व्यापार करने लगे तो ऐसे करने लगे कि भारतीयों की सब राह रोक दी. शिपिंग का बिज़नेस भी ऐसा ही था जहां गोरों ने तय कर लिया कि किसी हिंदुस्तानी को टिकने नहीं देंगे. टैगोर से लेकर टाटा तक ने कोशिशें कीं मगर अंग्रेज़ों ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया पर फिर भी संघर्ष करते भारतीयों ने कैसे इस डॉमिनेंस को तोड़ा, ये कहानी सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में सुशांत भारती से जिन्होंने इस टॉपिक पर किताब भी लिखी है.
Thu, 31 Aug 2023 - 110 - खोई हुई नदियों को खोज निकालना क्यों ज़रूरी है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 110
नदियों से जीवन है. दुनिया की सारी बड़ी सभ्यताएं नदी किनारे पैदा हुईं, मगर हमने नदियों के साथ क्या किया? या तो अपने इग्नोरेंस से उन्हें खत्म कर दिया या फिर उन्हें प्रदूषण से बीमार करके खुद दूर हो गए. नदियों की ज़रूरत अभी हमें ठीक से समझ नहीं आ रही, जबकि कोशिश होनी चाहिए पुरानी नदियों को जिला लेने की. 'पढ़ाकू नितिन' में इस बार मिलिए रिवर मैन ऑफ इंडिया रमन कांत त्यागी को.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 24 Aug 2023 - 109 - दलेर मेहंदी की किस ज़िद पर अमिताभ बच्चन हैरान रह गए?: पढ़ाकू नितिन, Ep 109
नब्बे के दशक में दलेर मेहंदी ने पंजाबी गीत संगीत को वो उठान दी कि उनका नाम देश विदेश में फैल गया. इंडी पॉप के वो सबसे चमकते सितारे थे. दशक भर तक उन्होंने अपनी एलबम्स के ज़रिए राज किया और फिर फिल्मी गीत भी गाए. उनकी कंट्रोवर्सीज़ से मुठभेड़ हम सभी ने देखी है. 'पढ़ाकू नितिन' की बैठकी में दलेर मेहंदी के सफर और संघर्ष पर बड़ा खुलकर बात हुई.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 17 Aug 2023 - 108 - इस्लाम के दक़ियानूसी हिस्सों की सर्जरी कौन करेगा?: पढ़ाकू नितिन, Ep 108
इस्लाम 1400 साल पुराना मज़हब है. धारणा ये है कि जो इस्लाम में पहले कहा गया वही आज तक चला आ रहा है, जबकि ये पूरा सच नहीं.'इज़्तिहाद' नाम की टर्म को अगर आप डीकोड करने चलें तो एक ऐसी राह से रूबरू होंगे जो मुसलमानों को इंडिपेंडेंट थिंकिंग की तरफ ले जाती है. हमने 'पढ़ाकू नितिन' में इस बार यही टॉपिक छेड़ा है, और हमारे मेहमान हैं साइंस एंड मॉर्डन पॉलिटिकल हिस्ट्री के इतिहासकार सैयद इरफ़ान हबीब.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 10 Aug 2023 - 107 - चांद पर कैसी दिखेंगी इंसानी बस्तियां?: पढ़ाकू नितिन, Ep 107
चांद मामा भी है और महबूब भी, दुनिया के लिए मिशन भी. कभी पांव रखना जहां मुश्किल था आज वहां इंसानों की आवाजाही है. उसे दूसरी धरती बनाने की कोशिश है. लोगों में चांद को लेकर सवाल हैं, उत्सुकता है और ढेरों महत्वाकांक्षाएं भी. 'पढ़ाकू नितिन' में आजतक रेडियो के साइंस रिपोर्टर रिचीक मिश्रा ने चांद को लेकर ढेरों सवालों के जवाब दिए हैं. सुनकर बताइए कैसा लगा.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 03 Aug 2023 - 106 - मणिपुर में हर घर हथियार के लिए ज़िम्मेदार कौन?: पढ़ाकू नितिन, Ep 106
मणिपुर लंबे वक्त तक एक डिस्टर्ब स्टेट रहा. कारण भले अलग हों मगर आज भी है. हालिया कॉन्फ्लिक्ट की कई परतें हैं और सभी को एक एक कर उघाड़ने के लिए 'पढ़ाकू नितिन' में आए हैं इंडिया टुडे मैग्ज़ीन के एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर कौशिक डेका.
Thu, 27 Jul 2023 - 105 - JNU की वो दुनिया देखिए जिसे आप नहीं जानते: पढ़ाकू नितिन, Ep 105
देश में कुछ ही कॉलेज-यूनिवर्सिटी हैं जिनकी चर्चा खूब होती है. JNU इन्हीं में से एक है. इसके कैंपस में ना विवादों की कमी है ना कहानियों की. इस बार 'पढ़ाकू नितिन' में आए हैं जेएनयू से दो दशकों तक जुड़े रहे और अब अमेरिका में पढ़ रहे जे सुशील. उनसे सुनिए इस यूनिवर्सिटी से जुड़े किस्से कहानी और यादें.
Opening music credit: Dub Sharma
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 20 Jul 2023 - 104 - यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड वो सपना है जो कभी पूरा हो नहीं सकता?: पढ़ाकू नितिन, Ep 104
कॉमन सिविल कोड का शोर पुराना है इसलिए ये विवाद सदाबहार है. संविधान बनाने वालों ने चाहा था कि ये आए, सत्तारूढ़ दल चाह रहा है कि आए, ज़्यादातर लोग चाह रहे हैं कि आ ही जाए मगर ये लागू होती क्यों नहीं? इस सवाल का जवाब 'पढ़ाकू नितिन' में देने आईं कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में लीगल हिस्ट्री पढ़ानेवालीं डॉ सौम्या सक्सेना.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 13 Jul 2023 - 103 - अंडरवर्ल्ड के वो राज़ जिन पर कोई बात नहीं करता: पढ़ाकू नितिन, Ep 103
अंडरवर्ल्ड के तौर तरीके अब बदल चुके हैं, चेहरे भी और तेवर भी. नए गैंगस्टर अपने साथ नए रंग ढंग लाए हैं. इस बार पढ़ाकू नितिन में डेढ़ दशकों से क्राइम रिपोर्टिंग करते रहे अरविंद ओझा से सुनेंगे छोटा शकील से लेकर गोल्डी बरार तक से उनके इंटरव्यू के क़िस्से और अपराध की दुनिया से जुड़े वो सच भी जो आपको हर कोई नहीं बताएगा.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 06 Jul 2023 - 102 - गीता प्रेस के महात्मा गांधी से रिश्ते क्यों बिगड़ गए थे?: पढ़ाकू नितिन, EP 102
गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार का एलान होते ही हंगामा बरपा है. जितने लोग सम्मान देने के पक्ष में हैं, उतने ही विरोध में. 'पढ़ाकू नितिन' में गीता प्रेस के इतिहास, गांधी से रिश्ते, भारतीय जनमानस के निर्माण में उसके रोल पर बात की गई है. बात करने के लिए इस बार मेहमान थे अक्षय मुकुल जिन्होंने गीता प्रेस पर कई साल पहले एक शानदार शोधपरक किताब लिखी है जिसकी चर्चा अक्सर होती रहती है.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 29 Jun 2023 - 101 - नागराज, ध्रुव, डोगा, भोकाल अब कहां हैं?: पढ़ाकू नितिन, Ep 101
हमारे बचपन के दोस्त सिर्फ रिंकू, चिंटू, पिंकू नहीं थे बल्कि नागराज, ध्रुव, डोगा, भोकाल भी थे. गर्मी की छुट्टियों में इनकी संगत खूब होती थी और स्कूल खुलते तो पीछे की बेंच पर छिपकर मुलाकाते चलतीं. ये दोस्त अब दिखते नहीं या कम दिखते हैं. इस बार 'पढ़ाकू नितिन' में राज कॉमिक्स के को प्रोड्यूसर संजय गुप्ता आ रहे हैं और अपने साथ ला रहे हैं इन सुपरहीरोज़ की दुनिया.
Thu, 22 Jun 2023 - 100 - गिटार वालों में कितनी ज़रूरी है छटपटाहट?: पढ़ाकू नितिन, Ep 100 Feat. Rabbi Shergill
पढ़ाकू नितिन सौवें ऐपीसोड के पड़ाव तक आ पहुंचा है. अब मौका ख़ास था तो मेहमान को ख़ास होना ही था. हमने पुकारा सिंगर और म्यूज़िशियन रब्बी शेरगिल को. पढ़ाकू नितिन में रब्बी ने दिल्ली, दिल, गीत, हवा, AI, दोस्तों से लेकर दुनिया जहान की बातें छेड़ीं. आइए इस छोटी सी सैर पर निकलें.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 15 Jun 2023 - 99 - अमेरिका ने 13 देशों को साथ जोड़कर क्या मिसाल कायम की?: पढ़ाकू नितिन, Ep 99
अमेरिका का सिक्का दुनिया में चलता है. उससे होड़ लेने वाले भी मानते हैं कि उसे पछाड़ना सबसे मुश्किल है. दुनिया के लगभग हर कूटनीतिक मामले में वो समस्या या समाधान बनकर खड़ा है. यही वजह है कि उसके सियासी तंत्र की बारीकी समझना सबके लिए ज़रूरी है. 'पढ़ाकू नितिन' के इस एपिसोड में हमने अमेरिका की डेलावेयर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर मुक्तदर खान से बात की और अमेरिकी तंत्र के हर पहलू को समझा.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 08 Jun 2023 - 98 - सेंगोल वाले चोल डेढ़ हज़ार सालों तक देश-दुनिया पर राज कैसे कर पाए?: पढ़ाकू नितिन, Ep 98
चोलों को लेकर उपन्यास लिखे गए, फिल्म बनीं और अब उनकी परंपरा सरकारें निभा रही हैं. दक्षिण हिंदुस्तान के सबसे ताकतवर राजवंश की शुरूआत कैसे हुई, गिर कर वो कैसे उभरे, उनका धर्म क्या था, राजकाज कैसे चलाते थे, परंपराएं क्या थीं और कहां तक उनका बोलबाला रहा ये सब अचानक लोगों में दिलचस्पी जगाने लगा है. इस बार पढ़ाकू नितिन में यही सब बताने आई हैं प्रो डॉ एस चांदनीबी. इतिहासकार चांदनीबी ने तीन दशकों तक चोलों पर गहरा रिसर्च किया है और उनके किए गए शोध पर दुनिया भरोसा करती है.
Thu, 01 Jun 2023 - 97 - जंगल की जादुई दुनिया के किस्से जो आपने नहीं सुने: पढ़ाकू नितिन, Ep 97
पेड़ बोलते भी हैं, दुश्मन पर हमला करते हैं, चलते फिरते भी हैं. और तो और कीट-पतंगों को खा भी जाते हैं. कितने ही असाध्य रोगों का इलाज करते हैं. ये दुनिया वो है जहां आप अब तक शायद प्रवेश ना कर सके हों. इस बार 'पढ़ाकू नितिन' में सुनिए डॉ दीपक आचार्य से दिलचस्प कहानियां उन जंगलों, आदिवासी, पेड़-पौधों की जहां तक आप कभी गए नहीं.
Thu, 25 May 2023 - 96 - कोहिनूर की मनहूसियत ने क्या साम्राज्यों को बर्बाद कर दिया?: पढ़ाकू नितिन, Ep 96
हीरों से आकर्षण कोई नई बात नहीं. हीरा अगर कोहिनूर हो तो मामला और ख़ास हो जाता है. शासकों की इस नायाब हीरे से मोहब्बत और इससे जुड़ी मनहूसियत की कहानियां बहुत दिलचस्प हैं. हिंदुस्तान की गोद से निकला ये हीरा आजकल टावर ऑफ लंदन में रखा है, लेकिन उसका ये सफ़र बेहद जटिल, रहस्यमयी, धोखे, कपट और लालच से भरा था. पढ़ाकू नितिन में यही कहानियां इतिहासकार और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मानवेंद्र कुमार पुण्डीर से सुनेंगे. एक बार सुनिए तो आप भी उनकी क़िस्सागोई के मुरीद हो जाएंगे.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 18 May 2023 - 95 - पाकिस्तानी आर्मी का सबसे बड़ा डर क्या है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 95
पाकिस्तान में हालात फिर से नासाज़ हैं. पहली बार पाकिस्तान के आम लोगों को आर्मी हेडक्वार्टर्स पर पत्थर फेंकते देखा गया. किसी पूर्व पीएम को हाईकोर्ट से गिरफ्तार होते भी पहली बार देखा गया. ये भी पहली बार देखा गया कि 48 घंटों में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहाई दे दी. बावजूद इसके पाकिस्तान में सब कुछ ठीक नहीं है. सरकार विपक्ष से टकरा रही है. विपक्ष सेना से टकरा रहा है. सेना न्यायपालिका को तेवर दिखा रही है. इस कॉम्प्लिकेशन को सरलता से समझने के लिए पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में हमने न्यौता दिया साउथ एशियन स्टडीज़ के प्रो एस डी मुनि को.
Thu, 11 May 2023 - 94 - दुनिया बदल देनेवाली खोज करके भी जगदीशचंद्र बोस को नोबेल क्यों नहीं मिला?: पढ़ाकू नितिन, Ep 94
साइंस बहुत लोगों को बोर लगता है मगर हम चारों तरफ साइंस से घिरे हैं. इसके बावजूद साइंटिस्ट हमारे हीरो नहीं हैं!! जगदीशचंद्र बोस भारत में आधुनिक विज्ञान के जनक माने जाते हैं लेकिन खुद से पूछिए कि आप उनके काम को कितना जानते हैं या आप उन्हें कितना जानते हैं??? बेहद दिलचस्प जीवन जीकर और दुनिया बदल देनेवाली खोज करके भी बोस पॉपुलर कल्चर का हिस्सा नहीं हो सके. ये जितना दुखद है उतना ही विचारणीय भी. आज के पढ़ाकू नितिन में साइंटिस्ट और लेखक डॉ मेहर वान उन्हीं जगदीश चंद्र बोस के किस्से सुना रहे हैं जिन्होंने अगर ज़िद ना ठानी होती तो शायद दो-दो नोबेल जीते होते.
Thu, 04 May 2023 - 93 - इंटरनेट के ठगों से ज़्यादा स्मार्ट बनने के टिप्स: पढ़ाकू नितिन, Ep 93
किसी को इंटरनेट की लॉटरी पाने के चक्कर में जेल जाना पड़ा तो किसी को इंटरनेट की दोस्ती में ज़िंदगी भर का पैसा गंवाना पड़ा. अब इंटरनेट का इस्तेमाल तो छोड़ नहीं सकते, फिर साइबर फ्रॉड्स से बचने का उपाय क्या है? सारे उपाय 'पढ़ाकू नितिन' के इस पॉडकास्ट में सुनिए उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार और लेखक ओपी मनोचा से.
Thu, 27 Apr 2023 - 92 - दाऊद क्यों मानता था यूपी के माफियाओं को खुद से खूंखार?: पढ़ाकू नितिन, Ep 92
अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी, ब्रजेश सिंह जैसे नाम यूपी माफियाओं की लिस्ट में अव्वल हैं. इनके नाम से सूबे की सियासत और अपराध दोनों दहल रहे हैं आजतक में क्राइम के हेड अरविंद ओझा ने करीब दो दशकों तक अंडरवर्ल्ड और माफिया को कवर किया है. उन्हीं से इस पॉडकास्ट में सुनेंगे यूपी माफिया की ऐसी करतूतें जिन्हें देखकर दाऊद इब्राहीम ने भी मान लिया था कि यूपी के माफिया उससे भी खूंखार हैं.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 20 Apr 2023 - 91 - अंग्रेज़ों को एक विदेशी राजकुमारी ने सिक्किम में कैसे उलझाए रखा?: पढ़ाकू नितिन, Ep 91
भारत के इतिहास में राजा ही नहीं रानियों का भी बड़ा रोल है. प्रोफेसर क्विनी प्रधान ने अपनी किताब में ऐसी रानियों के बारे में बताया है जिन्होंने अंग्रेजों से जंग लड़ी. उस जंग में रानियों ने कलम भी उठाई और तलवार भी. इस पॉडकास्ट में सुनिए इतिहास के नए नज़रिये से रानियों की कहानियां.
Thu, 13 Apr 2023 - 90 - झांसी की रानी के किस सवाल का जवाब नहीं दे सके थे अंग्रेज़? :पढ़ाकू नितिन, Ep 90
राजाओं के इतिहास में रानियों का भी बड़ा रोल है। प्रोफेसर क्विनी प्रधान ने अपनी किताब में ऐसी रानियों के बारे में बताया है जिन्होंने अंग्रेजों से जंग लड़ी। उस जंग में रानियों ने कलम भी उठाई और तलवार भी। इस पॉडकास्ट में सुनिए इतिहास के नए नज़रिये से रानियों की कहानियां.
नोट - पॉडकास्ट में व्यक्त किये गए विचार एक्सपर्ट्स के निजी हैं.Thu, 06 Apr 2023 - 89 - 'खालिस्तान' ने पंजाबी पॉलिटिक्स को कैसे बदल दिया?: पढ़ाकू नितिन, Ep 89
'खालिस्तान' ने पंजाब की पॉलिटिक्स को लंबे समय तक नचाया है. भिंडरावाले से पहले और बाद में खूब रंग बदले गए. आज की सियासत के कई चेहरों का इस मूवमेंट में गहरा रोल रहा. 'पढ़ाकू नितिन' में इंडिया टुडे मैग्ज़ीन के डिप्टी एडिटर अनिलेश एस महाजन ने खूब सरलता से इस जटिल मुद्दे के सारे पहलू खोलकर रख दिए हैं.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 30 Mar 2023 - 88 - अमृतपाल बस मोहरा है, खालिस्तान का खेल ऐसे शुरू हुआ था: पढ़ाकू नितिन, Ep 88
'खालिस्तान' आजकल खूब ट्रेंड में है, लेकिन ये शब्द आजकल का नहीं है और ना ही ये मूवमेंट. इसके बीज सौ साल से भी पहले पड़े थे और सच ये है कि खालिस्तान के मायने वक्त गुज़रने के साथ बदलते रहे. 'पढ़ाकू नितिन' में इंडिया टुडे मैग्ज़ीन के डिप्टी एडिटर अनिलेश एस महाजन ने खूब सरलता से इस जटिल मुद्दे के सारे पहलू खोलकर रख दिए.
Thu, 23 Mar 2023 - 87 - सदियों से भिड़ते मुस्लिम देशों की सुलह कराके चीन को क्या मिलेगा?: पढ़ाकू नितिन, Ep 87
सऊदी अरब और ईरान की फ्रेंडशिप डील ने दुनिया को चौंका दिया है. इसमें चीन का जो रोल रहा वो तो और भी धमाकेदार है. सदियों से लड़ते इन देशों को दोस्ती की टेबल पर लाना आसान काम नहीं था. इन देशों की रंजिश समझने वाले ये बखूबी जानते हैं. इस बहुत कुछ बदल डालने वाली डील के ढेरों मायने हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रकाश के रे ने समझाया 'पढ़ाकू नितिन' के इस एपिसोड में.
Thu, 16 Mar 2023 - 86 - बिना डिग्री का देसी जीनियस जिसे विदेशियों ने “दूसरा न्यूटन” कहा : पढ़ाकू नितिन, Ep 86
हिंदुस्तान ने दुनिया को बहुत हीरे दिए। फिर हम ही उनको भूल गए। इस बार पढ़ाकू नितिन में बात ऐसे जीनियस की जिसे हमने नहीं पहचाना लेकिन पश्चिम के दिग्गजों ने गले लगाया। छोटी सी उम्र में कारनामे करके वो चला गया। डॉ मेहेर वान ने उनकी जीवनी लिखी है। सुनिए उस रहस्यमयी “दूसरे न्यूटन” की कहानी।
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 09 Mar 2023 - 85 - मौलाना आज़ाद से जिन्ना चिढ़ते क्यों थे?: पढ़ाकू नितिन, Ep 85
देश के पहले एजुकेशन मिनिस्टर मौलाना आज़ाद की कहानी जितनी दिलचस्प है उतनी ही आसानी से हमने वो भुला दी. उनका परिवार अफ़ग़ानिस्तान से दिल्ली आया था और फिर मक्का चला गया था, जहां आज़ाद पैदा हुए. वो फिर भारत लौटे. यहां पढ़े, क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़े, जेल गए, कांग्रेस को संभाला, जिन्ना से लड़े, अपनों से हारे और आखिरकार उस देश के पहले शिक्षामंत्री बने जिसे अखंड बनाए रखने के लिए वो बहुत जूझे. उन्हीं मौलाना आज़ाद की कहानी 'पढ़ाकू नितिन' में हमने सुनी एस इरफ़ान हबीब से जिन्होंने मौलाना की जीवनी लिखी.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 02 Mar 2023 - 84 - तुर्किये की इस्लामिक दुनिया में क्या जगह है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 84
तुर्किये जबरन लोगों को सेक्युलर और राष्ट्रवादी क्यों बनाना चाहता है, सरकारी दफ्तरों में कोट-पैंट क्यों ज़रूरी है, आया सोफिया को म्यूज़ियम से मस्जिद क्यों बना दिया गया, इन सारे सवालों के जवाब आपको पढ़ाकू नितिन के इस पॉडकास्ट में मिलेंगे, अंकारा में पढ़ानेवाले ओमैर अनस ने तफ्सील से तुर्की के खाने, सिनेमा और लोगों के बारे में बताया.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैंThu, 23 Feb 2023 - 83 - मुगल राजकुमारियों से क्यों घबराया था ऑटोमन बादशाह?: पढ़ाकू नितिन, Ep 83
दुनिया का सबसे प्रभावशाली साम्राज्य मुगल राजकुमारियों से क्यों घबराया था, गोवा तक तुर्की सेना ने क्यों धावा बोला था, चर्चित यात्री अलबरूनी एक मंदिर में हिंदू बनकर क्यों रहे.. इन सब सवालों के जवाब तुर्की पर हुए इस दिलचस्प पॉडकास्ट में हैं. इस बार 'पढ़ाकू नितिन' के मेहमान हैं अंकारा की अंकारा यिलद्रिम बियाज़िद यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल अफेयर्स पढ़ानेवाले ओमैर अनस.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 16 Feb 2023 - 82 - ये पुलिस सुधरती क्यों नहीं है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 82
पुलिस सिस्टम में सुधार की बात बहुत होती है लेकिन हो क्यों नहीं रहा? 'पढ़ाकू नितिन' में आज के मेहमान पद्मश्री प्रकाश सिंह ने तो इसकी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक में लड़ी मगर सरकारें खेल कर गईं. आज की बैठकी में नितिन ठाकुर संग उनके साढ़े तीन दशक के तजुर्बे सुनिए और सोचिए कि पुलिस सुधरेगी कब और उसे सुधरने कौन नहीं दे रहा?
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 09 Feb 2023 - 81 - सूफ़ी कौन हैं, कहां से आए, सबसे अलग कैसे हैं?: पढ़ाकू नितिन, Ep 81
सूफ़ियों को भले हम जानते ना हों लेकिन अपनी अपनी समझ से पहचानते ज़रूर हैं. कव्वाली, सूफ़िया कलाम, दरगाहें हमेशा हमारे चारों तरफ ही रहे लेकिन अभी भी सूफीज़्म को लेकर हमारी समझ कच्ची है. इस बार 'पढ़ाकू नितिन' में हमने बात की प्रो सैयद ज़हीर हुसैन जाफ़री से जिन्होंने चार दशकों तक इतिहास पढ़ाया और फिलहाल रायबरेली में एक चार सौ साल पुरानी खानकाह का रख रखाव संभाल रहे हैं.
Thu, 02 Feb 2023 - 80 - ब्रिटिश राज को बचाए रखने वाले हिंदुस्तानी सिपाहियों को अंग्रेजों ने कैसे धोखा दिया?: पढ़ाकू नितिन, Ep 80
हिंदुस्तान और दुनियाभर में अंग्रेज़ी हुकूमत के लिए खून बहाने वाले ज़्यादातर सिपाही हिंदुस्तानी थे. अंग्रेजों ने उनकी फ़ौज कैसे तैयार की और कैसे उन्हें लगातार बरगलाते रहे? इस पॉडकास्ट में रविंद्र राठी ने नितिन ठाकुर को आज़ादी की लड़ाई के कई नए और दिलचस्प पहलू सुनाए. रविंद्र के नाना ने अंग्रेज़ी सेना में कई साल गुज़ारे और अखिरकार अपने अफसर से लड़कर गांव लौट आए.
Thu, 26 Jan 2023 - 79 - उस दिन दाऊद को ठिकाने लगा देते डोभाल, लेकिन... Feat. शम्स ताहिर खान: पढ़ाकू नितिन, Ep 79
दाऊद इब्राहिम से आमना-सामना करना भारतीय खुफिया एजेंसियों से लेकर हर क्राइम रिपोर्टर का सपना रहा है. खास कर पिछले 30 सालों से हर भारतीय ने चाहा है कि डॉन को पाकिस्तान से लाकर भारत की जेल में डाला जाए. इस बार 'पढ़ाकू नितिन' में क्राइम रिपोर्टिंग की सबसे मशहूर आवाज़ शम्स ताहिर खान से सुनिए कि डी कंपनी का मालिक कहां है, किस हाल में है, क्या कर रहा है, साथ ही वो किस्सा भी जब अजीत डोभाल उसका खात्मा करने ही वाले थे.
Thu, 19 Jan 2023 - 78 - RAW के चीफ रहे दुलत की कौन सी चाहत पूरी नहीं हुई?: पढ़ाकू नितिन, Ep 78
देश की सबसे बड़ी ख़ुफ़िया एजेंसी कई साल चलानेवाले ए एस दुलत ने दुनिया घूमी है और दिग्गजों को करीब से देखा है. उनके पास बताने को क़िस्सों का ज़खीरा है और छिपाने के लिए बेशुमार बातें. इस पॉडकास्ट में दुलत ने अपने जीवन के करीब करीब हर पहलू को छुआ. सुनकर देखिए, मज़ा आएगा.
Thu, 12 Jan 2023 - 77 - भारत के प्राचीन मंदिर अपने इतिहास के बारे में क्या कहते हैं?: पढ़ाकू नितिन, Ep 77
देश का सबसे पुराना मंदिर कहां है, मंदिर में गुंबद कैसे आ गए, पुरानी इमारतों को कैसे बचाया जाता है और हमारे आसपास ऐतिहासिक जगहें कौन सी हैं जिनको हमने इग्नोर कर रखा है.. इस बार 'पढ़ाकू नितिन' की बैठकी में कंज़र्वेशन आर्किटेक्ट सुशांत भारती का आना हुआ है। उन्होंने हिस्ट्री की कई खिड़कियां खोलीं. आइए, ज़रा झांकिए.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.Thu, 05 Jan 2023 - 76 - नेपाल हिंदू राष्ट्र कैसे बना और राजशाही का खात्मा क्यों हुआ?: पढ़ाकू नितिन, Ep 76
नेपाल हमारा पड़ोसी है लेकिन हम उसके बारे में फिर भी कम जानते हैं. हम नहीं जानते कि वो कैसे हिंदू राष्ट्र बना था, कैसे वहां माओवादी संघर्ष हुआ, प्रचंड की पॉलिटिक्स क्या है, राजशाही का कैसा असर रहा है और चीन-भारत के बीच नेपाल किसे चुनेगा? यही सब जानने के लिए 'पढ़ाकू नितिन' में इस बार नितिन ठाकुर की बैठकी जमी है अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ प्रो एस डी मुनि से जिनका मिलना जुलना दशकों तक नेपाली राजनीति के अहम किरदारों से रहा.
Thu, 29 Dec 2022 - 75 - इंद्र, कुबेर, अश्वत्थामा और कल्कि के बारे में ऐसा ज्ञान पहले नहीं मिला होगा: पढ़ाकू नितिन, Ep 75
पौराणिक आख्यानों में कई पात्रों का नाम आपने खूब सुना होगा लेकिन ज़रूरी नहीं कि आप उनके बारे में जानते ही हों. इस बार 'पढ़ाकू नितिन' की बैठकी में आशुतोष गर्ग जमे हैं जिन्होंने इंद्र, कुबेर, अश्वत्थामा, कल्कि पर किताबें लिखीं. इस पॉडकास्ट में इन चार दिलचस्प पात्रों को करीब से जानिए समझिए.
Thu, 22 Dec 2022
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